तुलसी माता की आरती हिंदी और अंग्रेजी में

श्री तुलसी आरती का हिंदू संस्कृति में गहरा महत्व है, जो श्री तुलसी माता के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, जिन्हें हिंदू धर्म में पवित्र तुलसी का पौधा माना जाता है।

यह आरती श्री तुलसी माता की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें हिंदू परंपरा में अमरता के पौधे के रूप में पूजा जाता है। इस आरती का पाठ न केवल उनकी पूजा करता है बल्कि उनकी महिमा का गुणगान भी करता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति मिलती है।

श्री तुलसी आरती हिंदी में

तुलसी महाराज नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धन तुलसी पूरन तप कीनो,
शालिग्राम बानी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥

तुलसी महाराज नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥

तुलसी महाराज नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजय महाकाल ।
नमो-नमो तुलसी महाराज,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥

तुलसी महाराज नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

तुलसी माता की आरती अंग्रेजी में

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

धन तुलसी पूरन तप कीनो,
शालिग्राम बानी पटरानी ।
जेक पात्रा मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥

धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छतिसौ व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक न मानी॥

सभी सखी मैया तेरो यश गावे,
भक्तिदान दीजे महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥

तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।

निष्कर्ष:

श्री तुलसी आरती का पाठ श्री तुलसी माता के चरणों में समर्पित भक्ति, विश्वास और प्रेम को व्यक्त करता है।

प्रतिदिन पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ श्रद्धापूर्वक यह आरती करने से भक्त पवित्रता और आनंद में डूब जाते हैं तथा आत्मा के साथ संवाद स्थापित करते हैं।

इस आरती के रचनात्मक शब्द और धुन भक्तों के मन में शांति और संतोष पैदा करते हैं।

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