"श्री राम का सेवक मां अंजनी का लाला" का अर्थ है "भगवान राम का सेवक, माता अंजनी का पुत्र", यह वाक्यांश हनुमान द्वारा सन्निहित भक्ति और सेवा के सार को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में केंद्रीय पात्र हनुमान को भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति तथा उनकी अद्वितीय शक्ति और बुद्धि के लिए सम्मान दिया जाता है।
अंजनी के गर्भ से जन्मे और दैवीय शक्तियों से संपन्न हनुमान का जीवन निष्ठा, साहस और विनम्रता के आदर्शों का प्रमाण है।
यह ब्लॉग हनुमान की असाधारण यात्रा पर प्रकाश डालता है, तथा रामायण में उनके महत्व, श्री राम के प्रति उनकी भक्ति तथा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं पर उनके निरंतर प्रभाव की खोज करता है।
श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला भजन हिंदी में
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला,
जिस ने रावण को डराया,
सीता माता का पता लगाया गया,
जिसने लंका को चूर-चूर कर डाला,
झूम झूम नाचे देखो बजरंग बाला,
श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला ॥
भर के हुंकार उड़ गए हनुमान देखो,
द्रोणागिरी पर्वत को नियंत्रित करने वाला,
श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला ॥
कहते हैं हनुमान वो वस्तु है किस काम की,
जिसमें दिखती छवि ना मेरे राम की,
सारे मनके फेंक दिए गए हैं तोड़ी माला,
श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला ॥
विभीषण बोले आज सरेआम देखूँ,
क्या तेरे मन में बसे मैं श्री राम देखूँ,
सीना दरारें ना दिखाएं,
श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला ॥
ये बल बुद्धि के सागर तू नाम के लिए जा,
खुश होंगे हनुमान राम रामके गये,
इनकी कृपा से पाप भाग्य का ताला,
श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला ॥
हनुमान भजन: श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला हिंदी में
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला,
जी ने रावण को डराया,
सीता माँ का पता लगाया,
जिसने लंका को चूर चूर कर डाला,
झूम झूम नाचे देखो बजरंग बाला,
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला॥
भर के हुंकार उड़ गए हनुमान देखो,
द्रोणागिरी पर्वत को काबू करने वाला,
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला॥
कहते हैं हनुमत वो वस्तु है किस काम की,
जिसको दिखलाती छवि ना मेरे राम की,
सारे मनके फेंक दिये हैं तोड़ी माला,
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला॥
विभीषण बोले आज सारेआम देखूं,
क्या तेरे मन में बसे मैं श्री राम देखूं,
सिना फाड़ दिखाया ना ग़दाबाद घोटाला,
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला॥
ये बाल बुद्धि के सागर तू नाम लिये जा,
खुश होंगे हनुमान राम राम किये जा,
इनके क्रपा से खुलता है किस्मत का ताला,
श्री राम के सेवक माँ अंजनी के लाला॥
निष्कर्ष
रामायण के कालजयी महाकाव्य में हनुमान निस्वार्थ सेवा और अटूट भक्ति के प्रतीक के रूप में उभरे हैं। "श्री राम का सेवक माँ अंजनी का लाला" हनुमान के भगवान राम के प्रति समर्पण और एक दिव्य दूत के रूप में उनकी भूमिका की भावना को दर्शाता है।
हनुमान की विरासत पौराणिक कथाओं की सीमाओं से परे है, जो भक्ति, विनम्रता और शक्ति के गहन पाठ प्रस्तुत करती है जो युगों-युगों से गूंजती आ रही है। उनकी जीवन गाथा लाखों लोगों को प्रेरित करती है, हमें विश्वास की शक्ति और प्रेम और ईमानदारी से सेवा करने के महत्व की याद दिलाती है।
जब हम हनुमान की यात्रा पर विचार करते हैं, तो हमें याद आता है कि सच्ची भक्ति निस्वार्थ सेवा और अटूट विश्वास में निहित है, ये ऐसे गुण हैं जो आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने प्राचीन काल में थे।