भारतीय संस्कृति के समृद्ध ताने-बाने में आध्यात्मिकता परंपरा के साथ जुड़ी हुई है, जो अनुष्ठानों और विश्वासों का एक जीवंत मोज़ेक बुनती है। ऐसी ही एक प्रिय परंपरा है श्री झूलेलाल की पूजा, जिन्हें उदेरोलाल, दूल्हा देवा या बस झूलेलाल साईं के नाम से भी जाना जाता है।
"ओम जय दूल्हा देवा" की कालजयी धुन पीढ़ियों से गूंजती आ रही है, यह सांत्वना प्रदान करती है और दिव्य आशीर्वाद का आह्वान करती है।
इस ब्लॉग में, हम इस पवित्र आरती के महत्व पर गहनता से चर्चा करेंगे, अंग्रेजी और हिंदी दोनों में इसके सार की खोज करेंगे, तथा इसकी आध्यात्मिक गहराई और सांस्कृतिक प्रतिध्वनि को उजागर करेंगे।
श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दुलह देवा हिंदी में
साईं जय दुलह देवा ।
पूजा कनि थी प्रेमी,
सिदुक सेवा सेवा ॥
तुहिन्जे दर दे के,
साजन अचानकी सवाली ।
दान वथन सभु दिली,
सां कोन दिथुभ खाली ॥
॥ ॐ जय दुलह देवा...॥
अन्धानि खे दिनव,
अखण्डिउँ - दुखियानि खे दारुँ ।
पाए मन जून मुरादूँ,
सेवक कनि थारु ॥
॥ ॐ जय दुलह देवा...॥
फल फूलमेवा सब्जी,
पोखनि मांझी पचिन ।
तुहिजे माहिर मायासा अन्न,
बि आपर अपार थियानी ॥
॥ ॐ जय दुलह देवा...॥
ज्योति जगे थी जग में,
लाल तुहिंजी लाली ।
अमरलाल अचु मुं वट,
हे विश्व संदा वाली ॥
॥ ॐ जय दुलह देवा...॥
जगु जा जीव सभे,
पानी पीना मीठा ।
जेठानंद आनंद कर,
पूरन करियो आशा ॥
ॐ जय दुलह देवा,
साईं जय दुलह देवा ।
पूजा कनि थी प्रेमी,
सिदुक सेवा सेवा ॥
श्री झूलेलाल ओम जय दूल्हा देवा अंग्रेजी में
पूजा कनी था प्रेमी,
सिदुक राखी सेवा ॥
तुहिंजे दार दे केई,
साजन अचानी सावली ।
दान वतन सबहु दिली,
सं कोन दितुभ खाली ॥
॥ ॐ जय दूल्हा देवा...॥
अन्धानि खे दिनव,
अखाडियों-दुखियाणी खे दारूं ।
पाये मैन जुन मुरादुन,
सेवक कानि थारू ॥
॥ ॐ जय दूल्हा देवा...॥
फल फूला मेवा सब्जी,
पोखानी मांझी पछिन ।
तुहिजे माहिर मायासा अन्ना,
बि आपार आपार थियानी ॥
॥ ॐ जय दूल्हा देवा...॥
ज्योति जागे थी जागु में,
लाल तुहिंजी लाली ।
अमरलाल अचू मू वटी,
हे विश्वा संदा वलि ॥
॥ ॐ जय दूल्हा देवा...॥
जागु जा जीव सभेइ,
पनिया बिन प्यास ।
जेठानंद आनंद कर,
पूरण करियो आशा॥
ओम जय दूल्हा देवा,
साईं जय दूल्हा देवा ।
पूजा कनी था प्रेमी,
सिदुक राखी सेवा ॥
निष्कर्ष:
जैसे ही हम "ओम जय दूल्हा देवा" की अपनी खोज पूरी करते हैं, हमें विश्वास और भक्ति की स्थायी शक्ति की याद आती है। समय के विस्तार में, यह आरती आशा की किरण के रूप में काम करती है, जो भक्तों को श्रद्धा और कृतज्ञता में एकजुट करती है।
इसके छंदों के माध्यम से हम श्री झूलेलाल की शाश्वत उपस्थिति की झलक पाते हैं, जो सदैव सजग, सदैव दयालु हैं तथा जीवन के उतार-चढ़ाव में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।
अंग्रेजी और हिंदी के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण में हमें विश्वास की एक सार्वभौमिक भाषा मिलती है, जो सीमाओं से परे है और एकता को बढ़ावा देती है।
दूल्हा देव का दिव्य आशीर्वाद हमारे पथ को रोशन करे तथा हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक पूर्णता का संचार करे।