रुद्राभिषेक पूजा सामग्री सूची: संपूर्ण सूची, विधि और महत्व

रुद्राभिषेक पूजा एक अत्यंत पूजनीय वैदिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं तथा उन्हें बुराई का नाश करने वाला और परिवर्तनकर्ता माना जाता है।

इस पूजा में शक्तिशाली वैदिक भजनों और मंत्रों का जाप करते हुए विभिन्न पवित्र पदार्थों से शिव लिंग का औपचारिक स्नान (अभिषेक) किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद मिलता है, शांति, समृद्धि और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है। पवित्र श्रावण माह, सोमवार और महाशिवरात्रि के दौरान रुद्राभिषेक पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

इस ब्लॉग में, हम रुद्राभिषेक पूजा के लिए आवश्यक सामग्री (वस्तुओं) की पूरी सूची, पूजा करने की विस्तृत विधि और इससे भक्तों को मिलने वाले अनेक लाभों के बारे में जानेंगे।

रुद्राभिषेक पूजा सामग्री सूची

'सामग्री' 'मातृ'
0 10 ग्राम
पीला सिंदूर 10 ग्राम
पीला अष्टगंध चंदन 10 ग्राम
लाल चंदन 10 ग्राम
सफेद चंदन 10 ग्राम
लाल सिंदूर 10 ग्राम
हल्दी 50 ग्राम
हल्दी 50 ग्राम
सुपाड़ी (सुपाड़ी) 100 ग्राम
लँगो 10 ग्राम
वलायची 10 ग्राम
सर्वौषधि 1 डिब्बी
सप्तमृतिका 1 डिब्बी
सप्तधान्य 100 ग्राम
माधुरी 50 ग्राम
गुरच 100 ग्राम
जनेऊ 5 पीस
पर्ल बड़ी 1 शीशी
गारी का गोला (सूखा) 1 पीस
पानी वाला नारियल 1 पीस
अक्षत (चावल) 1 किलो
दानबत्ती 1 पैकेट
रुई की बट्टी (गोल / लंबा) 1-1 पा.
देशी घी 500 ग्राम
सरसों का तेल 500 ग्राम
चमेली का तेल 1 शीशी
कपूर 20 ग्राम
कलावा 5 पीस
चुनरी (लाल /पपी) 1/1 पीस
कहना 500 ग्राम
रंग लाल 5 ग्राम
रंग 5 ग्राम
रंग काला 5 ग्राम
रंग नारंगी 5 ग्राम
रंग हरा 5 ग्राम
रंग बैंगनी 5 ग्राम
अबीर गुलाल (लाल, पीला, हरा, गुलाबी) अलग-अलग 10 ग्राम
बुक्का (अभ्रक) 10 ग्राम
भस्म 100 ग्राम
गंगाजल 1 शीशी
गुलाब जल 1 शीशी
केवड़ा जल 1 शीशी
लाल वस्त्र 1 मी.
पीला वस्त्र 1 मी.
सफेद वस्त्र 1 मी.
हरा वस्त्र 1 मी.
नीला वस्त्र 1 मी.
हनुमान जी का झंडा 1 पीस
रुद्राक्ष की माला 1 पीस
छोटा-बड़ा 1-1 पीस
माचिस 1 पैकेट
तामिल 100 ग्राम
जो 100 ग्राम
गुड 500 ग्राम
कमलगट्टा 100 ग्राम
:(क) 50 ग्राम
पंचमेवा 200 ग्राम
केसर 1 डिब्बी
पंचरत्न व पंचधातु 1 डिब्बी
नाग नागिन 1 पीस
धोती पन्ना/लाल 1 पीस
अंगोछा पीला/लाल 1 पीस
सुख सामग्री

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    घर से सामग्री

    सामग्री' ' 10 '
    मिष्ठान 500 ग्राम
    पान के पत्ते 21 पीस
    आम के पत्ते 2 द
    ऋतु फल 5 प्रकार के
    दूब घास 100 ग्राम
    बेल पत्र 108 पीस
    बेल फल 5 पीस
    मदार के पत्ते 108 पीस
    मदार के फूल 200 ग्राम
    भांग 200 ग्राम
    भांग का गोला 2 पीस
    फूल व फल 200 ग्राम 7 पीस
    शमी की पत्ती 10 ग्राम
    : 1 पीस
    कमल का फूल 11 पीस
    फूल, हार लड़की (गुलाब) की 7 मी.
    फूल, हार लड़की (गेंदे) की 7 मी.
    गेंदा का खुला हुआ फूल 1 किलो
    गुलाब का खुला हुआ फूल 1 किलो
    चांदनी का खुला हुआ फूल 1 किलो
    नवरंग का खुला हुआ फूल 1 किलो
    सूरजमुखी के फूल 1 किलो
    तुलसी मंजरी 10 ग्राम
    अद का रस 1 ट
    दूध 7 ट
    : 1 किलो
    मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी वाली 7 किलो
    शिव शंकर भगवान की प्रतिमा 1 पीस
    100 ग्राम
    : ... 500 ग्राम
    अखण्ड दीपक 1 पीस
    पृष्ठ/पीतल का कलश (ढक्कन रेंज) 1 पीस
    थाली 7 पीस
    लोटे 2 पीस
    : ... 7 पीस
    कटोरी 4 पीस
    : ... 2 पीस
    परात 4 पीस
    कच्छी/चाकू (लड़ी काटने हेतु) 1 पीस
    फल-फूल रखने हेतु) 4 पीस
    बालटी (दूध व जल के लिए) 2 पीस
    परात बड़ी (अभिषेक हेतु) 1 पीस
    हनुमान ध्वजा हेतु बांस (छोटा/ बड़ा) 1 पीस
    जल (पूजन हेतु)
    गाय का गोबर
    ऐड का आसन
    पंचामृत
    कुंरी 1 पीस
    अंगोछा 1 पीस
    पूजा में रखने हेतु सिंदुरा 1 पीस
    मिट्टी का कलश (बड़ा) 1 पीस
    मिट्टी का प्याला 11 पीस
    मिट्टी की दीयाली 11 पीस

    रुद्राभिषेक पूजा विधि

    तैयारी

    रुद्राभिषेक पूजा शुरू करने से पहले कुछ प्रारंभिक चरणों का पालन किया जाना चाहिए:

    पूजा क्षेत्र की सफाई : सुनिश्चित करें कि जिस स्थान पर पूजा की जानी है वह साफ और पवित्र हो।
    व्यक्तिगत शुद्धि : स्नान करें और स्वच्छ, अधिमानतः सफेद या पीले कपड़े पहनें।
    सामग्री एकत्र करना : सभी आवश्यक पूजा सामग्री पहले से ही एकत्र कर लें।

    प्रक्रिया

    आह्वान (ध्यान और संकल्प) : पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और भगवान शिव का ध्यान करें। संकल्प लें, अर्थात भक्तिपूर्वक पूजा करने का संकल्प लें।
    प्रारंभिक शुद्धि (आचमन और अंग न्यास) : विशिष्ट मंत्र पढ़ते हुए तीन बार जल पिएं और मंत्रोच्चार करते हुए शरीर के विभिन्न अंगों को स्पर्श कर शुद्धि करें।
    कलश स्थापना : जल से भरा कलश स्थापित करें, उसके ऊपर आम के पत्ते और एक नारियल रखें, जो देवत्व की उपस्थिति का प्रतीक है।

    शिव लिंग अभिषेक :

    जल अभिषेक : "ओम नमः शिवाय" का जाप करते हुए शिव लिंग पर जल डालें।
    पंचामृत अभिषेक : विशिष्ट मंत्रों का जाप करते हुए क्रमिक रूप से दूध, दही, शहद, घी और चीनी डालें।
    गंगाजल अभिषेक : अंत में शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।

    पदार्थों का अनुप्रयोग :

    चंदन का लेप : शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं।
    भस्म : पवित्र राख से सजाएं।

    बेल पत्र और फूल चढ़ाएं :

    शिवलिंग पर बिल्वपत्र और फूल चढ़ाएं, ध्यान रखें कि प्रत्येक पत्ता साफ और साबुत हो।

    आरती :

    धूप, कपूर और अगरबत्ती जलाएं। शिवलिंग के सामने घी के दीपक को गोल-गोल घुमाते हुए आरती करें।

    प्रसाद चढ़ाना :

    शिव लिंग के सामने फल, मिठाई, पान और मेवे रखें।

    समापन प्रार्थनाएँ :

    क्षमा प्रार्थना के साथ समापन करें और आशीर्वाद मांगें।

    रुद्राभिषेक पूजा के लाभ

    रुद्राभिषेक पूजा करने से अनेक आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं, जिससे यह भक्तों के लिए एक गहन अभ्यास बन जाता है:

    आध्यात्मिक उत्थान : वैदिक मंत्रों का उच्चारण और अनुष्ठानिक अभिषेक भक्त की आध्यात्मिक चेतना को उन्नत करते हैं, आंतरिक शांति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देते हैं।

    स्वास्थ्य और खुशहाली : ऐसा माना जाता है कि यह पूजा बीमारियों को दूर करने और अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु प्रदान करने में मदद करती है।

    धन और समृद्धि : भगवान शिव को प्रसन्न करने से भक्तों को अक्सर भौतिक धन और समृद्धि में वृद्धि का अनुभव होता है।

    नकारात्मक ऊर्जाओं का निष्कासन : पूजा के दौरान उत्पन्न शक्तिशाली कंपन आसपास के वातावरण को शुद्ध करते हैं तथा नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरे प्रभावों को दूर करते हैं।

    मानसिक शांति : पूजा की शांत और व्यवस्थित प्रकृति मानसिक शांति की स्थिति उत्पन्न करती है, तथा तनाव और चिंता को कम करती है।

    इच्छाओं की पूर्ति : भक्तों का मानना ​​है कि शुद्ध मन से यह पूजा करने से इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति हो सकती है।

    पारिवारिक सद्भावना : पूजा में सामूहिक भागीदारी से परिवार में एकता और सद्भावना बढ़ती है।

    निष्कर्ष

    रुद्राभिषेक पूजा एक शाश्वत वैदिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव के प्रति गहरी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। पूजा विधि का सावधानीपूर्वक पालन करके और निर्धारित सामग्री का उपयोग करके, भक्त बुराई के विनाशक के दिव्य आशीर्वाद का आह्वान कर सकते हैं।

    यह शक्तिशाली अनुष्ठान न केवल मन और आत्मा को शुद्ध करता है, बल्कि स्वास्थ्य, धन और खुशी भी लाता है।

    रुद्राभिषेक का महत्व भक्त को भगवान शिव की सर्वोच्च चेतना से जोड़ने, आध्यात्मिक विकास और सांसारिक संतुष्टि को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता में निहित है।

    चाहे घर पर किया जाए या मंदिर में, रुद्राभिषेक पूजा आस्था और भक्ति की गहन अभिव्यक्ति है, जो इसके पवित्र अनुष्ठान में भाग लेने वालों के जीवन को प्रकाशित करती है।

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

    रुद्राभिषेक पूजा क्या है और यह क्यों की जाती है?

    रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें रुद्र के रूप में उनके स्वरूप की पूजा की जाती है। यह भक्तों के पापों को धोने, शांति, समृद्धि लाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है। इस पूजा में मंत्रों का जाप करते हुए शिव लिंग को पवित्र सामग्रियों से स्नान कराया जाता है।

    क्या रुद्राभिषेक पूजा घर पर की जा सकती है?

    हां, रुद्राभिषेक पूजा घर पर उचित सामग्री (सामग्री) के साथ और निर्धारित विधि का पालन करके की जा सकती है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए अनुष्ठानों का मार्गदर्शन करने के लिए अक्सर एक जानकार पंडित या पुजारी की सलाह दी जाती है।

    रुद्राभिषेक पूजा के लिए आवश्यक प्रमुख वस्तुएं क्या हैं?

    रुद्राभिषेक पूजा के लिए प्रमुख वस्तुओं में पवित्र धागा, बिल्व पत्र, पंचामृत, शहद, घी, दूध, दही, चीनी, पवित्र जल, चंदन का पेस्ट, चावल, अगरबत्ती, कपूर, फूल, फल, पान, सुपारी, सूखे मेवे, कपड़ा, दीपक, तेल, रुई की बत्ती, हल्दी पाउडर, सिंदूर पाउडर और पवित्र राख आदि शामिल हैं।

    रुद्राभिषेक पूजा पूरी होने में कितना समय लगता है?

    रुद्राभिषेक पूजा की अवधि विशिष्ट अनुष्ठानों और मंत्रों के उच्चारण की संख्या के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर, इसे पूरा करने में 1 से 2 घंटे तक का समय लग सकता है।

    क्या रुद्राभिषेक पूजा करने के लिए कोई विशेष समय या दिन है?

    रुद्राभिषेक पूजा सोमवार या श्रावण मास में, महाशिवरात्रि पर या भगवान शिव के किसी भी महत्वपूर्ण दिन पर की जाए तो सबसे अधिक शुभ होती है। हालाँकि, इसे किसी भी दिन सच्ची श्रद्धा के साथ किया जा सकता है।

    क्या मैं रुद्राभिषेक पूजा के लिए पंडित को ऑनलाइन बुक कर सकता हूँ?

    हां, आप धार्मिक सेवाएं प्रदान करने वाले विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से रुद्राभिषेक पूजा के लिए पंडित को ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। एक विश्वसनीय सेवा का चयन करना सुनिश्चित करें जो ज्ञानी पंडित प्रदान करती है जो शास्त्रों के अनुसार पूजा कर सकते हैं।

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