जय हो जय जय हे गौरी नंदन आरती(जय हो जय जय है गौरी नंदन - आरती) अंग्रेजी और हिंदी में

"जय हो जय जय हे गौरी नंदन" (जय हो जय जय है गौरी नंदन) भगवान गणेश को समर्पित एक पूजनीय आरती है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं और पूजा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। भगवान गणेश, जिन्हें बाधाओं को दूर करने वाले और शुरुआत के देवता के रूप में जाना जाता है, देवी पार्वती (गौरी) और भगवान शिव के प्रिय पुत्र हैं।

यह आरती भगवान गणेश के गुणों और आशीर्वाद का गुणगान करते हुए गहरी भक्ति और श्रद्धा की अभिव्यक्ति है। इसे अक्सर धार्मिक समारोहों, गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहारों और व्यक्तिगत प्रार्थना सत्रों के दौरान गाया जाता है, जिससे आध्यात्मिक माहौल बनता है और गणेश की दिव्य उपस्थिति का आह्वान होता है।

हिंदू संस्कृति में, आरती आभार व्यक्त करने और देवता से आशीर्वाद प्राप्त करने के इरादे से की जाती है। आरती गाने का कार्य केवल एक अनुष्ठानिक अभ्यास नहीं है; यह व्यक्तिगत स्तर पर ईश्वर से जुड़ने, मार्गदर्शन, सुरक्षा और इच्छाओं की पूर्ति पाने का एक साधन है।

"जय हो जय जय हे गौरी नंदन" की धुन और बोल शांत और उत्साहवर्धक हैं, जो भक्तों को भगवान गणेश पर अपना मन और दिल केंद्रित करने में सहायता करते हैं। यह विशेष आरती गणेश की बुद्धि, कला और विज्ञान के संरक्षक के रूप में उनकी भूमिका और अपने भक्तों के मार्ग से बाधाओं को दूर करने की उनकी अद्वितीय क्षमता की प्रशंसा करती है।

"जय हो जय जय हे गौरी नंदन" की उत्पत्ति प्राचीन शास्त्रों और पीढ़ियों से चली आ रही सामूहिक भक्ति विरासत में निहित है। यह हिंदू भक्ति संगीत की समृद्ध ताने-बाने को दर्शाता है, जो कविता, आध्यात्मिकता और संगीत को मिलाकर एक गहन पूजा अनुभव बनाता है।

आरती का प्रत्येक पद अर्थ की परतों से भरा हुआ है, जो गणेश के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं का उत्सव मनाता है - ज्ञान और समझ का प्रतीक उनके शुभ हाथी के सिर से लेकर उनके बड़े कान तक, जो उनके भक्तों की प्रार्थना सुनने की उनकी क्षमता को दर्शाते हैं।

जय हो जय जय है गौरी नंदन - आरती हिंदी में

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
शुभ कार्यो में सबसे पहले
तेरा सम्मान करें
विघ्न हटाते काज बनाना
सभी मंगल हरते
हे देवा सिद्धि और सिद्धि बाटे
चुनिंदा रहो के काटे
खुशियों के रंग को बिखेरते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

ओंकार है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
लम्ब कर्ण तेरेउज्ज्वल नैना
धूम्रवर्ण है काया
ओमहर है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
ओ देवा शम्भू के लाल दुलारे
संतो के नैन तारे
मस्तक पे चन्द्रमा को वारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

गणपति बाप्पा घर में आना
सुख वैभव कर जाना
एक दन्त लम्बोदर स्वामी
सारे कष्ट पाना
गणपति बाप्पा घर में आना
सुख वैभव बरसाना
देवा लड्डूअन का भोग लगाएं
मूषक वहानपे आते
भक्तो की बिगड़ी संवारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

धन कुबेर स्टाइल के चक्र
लक्ष्मी संग विराजे
दसो दिशा नवखण्ड में देवा
डंका तेरा बाजे
देवा तुझमे ध्यान लगाये
मन चाहा फल वो पाए
नया भवंर से उबरते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

बाँझो की गोद भर देना
निर्धन को धन देना
दिना को सन्मान दिलाना
निर्बल को बाल देना
ओ देवा सुनलो अरदास हमारी
विनती करते नर नारी
सेवा में तन मन वर्ते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंद
देवा गणेश गजानन
स्टेप्स को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते
जय हो जय जय हे गौरी नंदन अंग्रेजी में
जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

शुभ कार्यो में सबसे पहले
तेरा पूजन कराटे
विघ्न हटाते काज बनाते
सबी अमंगल हराते
ओ देव सिद्धि और सिद्धि बाटे
चुनते रहो के काटे
खुशियों के रंग को बिखेरते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

ओमाकार है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
लम्ब करन तेरे उज्जवल नैना
धूम्रवर्णन है काया
ओमहर है रूप तिहारा
अलौकिक है माया
ओ देवा शम्भू के लाल दुलारे
संतो के नैनन तारे
मस्तक पे चन्द्रमा को वारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

गणपति बप्पा घर में आना
सुख वैभव कर जाना
एक दन्त लम्बोदर स्वामी
सारे कष्ट मिटाना
गणपति बप्पा घर में आना
सुख वैभव बरसाना
देवा लड्डूओं का भोग लगाते
मूषक वाहनपे आते
भक्तों की बड़ी संवारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

धन कुबेर चरणों के चाकर
लक्ष्मी संग विराजे
दसो दिशा नवखंड में देवा
डंका तेरा बाजे
देवा तुझमे ध्यान लगाये
मन चाहा फल वो पाए
नैया भँवर से उबरते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

बाँझो की गोद भर देना
निर्धन को धन देना
दिनों को सन्मान दिलाना
निर्बल को बाल देना
ओ देवा सुनालो अरदास हमारी
विनती करते नर नारी
सेवा मे तन मन वरते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

जय हो जय जय है गौरी नंदन
देव गणेश गजानन
चरणों को तेरे हम पखारते
हो देवा आरती तेरी हम उतारते

निष्कर्ष:

"जय हो जय जय हे गौरी नंदन" (जय हो जय जय है गौरी नंदन) हिंदू परंपरा में भगवान गणेश के प्रति स्थायी भक्ति का प्रमाण है। यह आरती अपनी गीतात्मक सुंदरता और आध्यात्मिक गहराई के माध्यम से पूजा के सार को समेटती है, जिससे यह एक कालातीत कृति बन जाती है जो भक्तों के साथ गूंजती रहती है।

इस आरती को गाने या सुनने से एक पवित्र स्थान का निर्माण होता है, जहां गणेश की दिव्य ऊर्जा को महसूस किया जा सकता है, जो जरूरतमंद लोगों को सांत्वना और प्रेरणा प्रदान करती है।

अपने छंदों के माध्यम से, "जय हो जय जय हे गौरी नंदन" न केवल गणेश की वंदना करता है, बल्कि उनके मूल्यों - ज्ञान, दृढ़ता और करुणा - की याद भी दिलाता है।

यह इस विश्वास को पुष्ट करता है कि गणेश के आशीर्वाद का आह्वान करके, व्यक्ति जीवन की चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकता है और सफलता और ज्ञान के मार्ग पर चल सकता है। "जय हो जय जय हे" (विजय और महिमा आपके लिए) का दोहरावपूर्ण जाप भक्तों के उस विश्वास और आस्था को पुष्ट करता है जो गणेश की मार्गदर्शन और सुरक्षा की शक्ति में है।

आज की तेज गति वाली दुनिया में, जहां लोग अक्सर शांति और आध्यात्मिक जुड़ाव के क्षणों की तलाश करते हैं, यह आरती शांति और भक्ति का आश्रय प्रदान करती है।

चाहे सामूहिक पूजा समारोह के दौरान या अपने घर की शांति में गाया जाए, "जय हो जय जय हे गौरी नंदन" एक शक्तिशाली आह्वान है जो दिव्य और सांसारिक के बीच की खाई को पाटता है। इसका कालातीत आकर्षण भगवान गणेश, प्रिय गौरी नंदन के साथ गहरी श्रद्धा और गहन आध्यात्मिक संबंध को जगाने की इसकी क्षमता में निहित है।

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