सीता माता आरती(श्री सीता आरती) हिंदी और अंग्रेजी में

सीता माता आरती, जिसे "श्री सीता आरती" के नाम से भी जाना जाता है, देवी सीता के प्रति भक्ति की गहन अभिव्यक्ति है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में सदाचार, धैर्य और निष्ठा की प्रतीक हैं।

भगवान राम की पत्नी के रूप में सीता को स्त्री शक्ति और पवित्रता का अवतार माना जाता है।

सीता माता की आरती, हृदय से भक्ति और श्रद्धा के साथ गाई जाती है, जिसमें देवी सीता से सुरक्षा, समृद्धि और खुशी के लिए आशीर्वाद मांगा जाता है।

इस लेख में, हम सीता माता की आरती के महत्व पर प्रकाश डालते हैं तथा भक्तों के लिए अंग्रेजी और हिंदी गीत उपलब्ध कराते हैं, जिन्हें पढ़कर वे दिव्य आराधना में लीन हो जाते हैं।

श्री सीता आरती हिंदी में

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धारी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

विमल कीर्ति सब लोकनछाई,
नाम लेते पवन मति आई,
सुमीरात कटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरि की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

सीता माता की आरती अंग्रेजी में

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी श्री रघुबर प्यारी की॥
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामै दिनोधारिणी,
सिय मैया भक्तन हितकारी की॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी श्री रघुबर प्यारी की॥

सीता सती शिरोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा हित वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्विकारिनी,
त्याग धरम मुराति धारी की॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी श्री रघुबर प्यारी की॥

विमल कीर्ति सब लोकन छै,
नाम लेत पावन मति आई,
सुमिरत कटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरि की॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी श्री रघुबर प्यारी की॥

निष्कर्ष:

सीता माता आरती अपने मधुर छंदों और हार्दिक भक्ति के साथ देवी सीता के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता की भावपूर्ण अभिव्यक्ति के रूप में कार्य करती है।
इस पवित्र भजन के पाठ के माध्यम से भक्त अपने जीवन में शक्ति, बुद्धि और सुरक्षा के लिए सीता माता का आशीर्वाद मांगते हैं।
सीता माता आरती के अपने अन्वेषण का समापन करते हुए, आइए हम अपने हृदय और जीवन में देवी सीता की दिव्य उपस्थिति को अपनाएं, तथा उनके धैर्य, लचीलेपन और धर्म के प्रति अटूट समर्पण के अनुकरणीय गुणों से प्रेरणा लें।
सीता माता की आरती का जाप हमारे हृदयों को शांति, प्रेम और दिव्य कृपा से भर दे तथा हमें धार्मिकता और आध्यात्मिक पूर्णता के मार्ग पर ले जाए।
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