श्री गौमाता आरती हिंदी और अंग्रेजी में

श्री गौमाता आरती पवित्र गाय की पूजा के लिए समर्पित एक भक्ति भजन है, जिसका हिंदू संस्कृति और आध्यात्मिकता में महत्वपूर्ण स्थान है।

गाय को गौमाता कहा जाता है तथा इसे पवित्रता, मातृत्व और प्रचुरता का प्रतीक माना जाता है।

गौमाता की स्तुति में गाई जाने वाली यह आरती, इस दिव्य सत्ता के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा की अभिव्यक्ति है।

यह आरती विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों और दैनिक प्रार्थनाओं के दौरान स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए की जाती है।

इस ब्लॉग में, हम श्री गौमाता की आरती को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में देखेंगे, इसके गहन आध्यात्मिक महत्व और भक्तों को मिलने वाले आशीर्वाद को समझेंगे। चाहे आप आरती से परिचित हों या पहली बार इसे देख रहे हों, यह गाइड आपको गौमाता की दिव्य उपस्थिति के सार से जुड़ने में मदद करेगी।

गौमाता आरती हिंदी में

श्री गौमाता जी की आरती
आरती श्री गायय्या मनय्या की,
आरती हरनि विश्व ढैया की ॥

अर्थकाम साधर्म प्रदायिनी,
अविचल अमल मुक्तिपदायिनी ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनी,
प्यारे पूज्य नंद छैया की ॥

आरती श्री गायय्या मनय्या की,
आरती हरनि विश्व ढैया की ॥

अखिल विश्व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धन्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ नैया की ॥

आरती श्री गायय्या मनय्या की,
आरती हरनि विश्व ढैया की ॥

आयु ओज आरोग्य विकासिनी,
दुःख दान्य दारिद्रय विनाशिनी ।
सुषमा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनी,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥

आरती श्री गायय्या मनय्या की,
आरती हरनि विश्व ढैया की ॥

सेवक जो चाहे,
सम पय सुधा पियावती माई ।
शत्रु मित्र सब दुःखी,
स्नेह स्वभाव विश्व जया की ॥

आरती श्री गायय्या मनय्या की,
आरती हरनि विश्व ढैया की ॥

आरती श्री गायय्या मनय्या की,
आरती हरनि विश्व ढैया की ॥

श्री गौमाता आरती अंग्रेजी में

आरती श्री गैया मैया की,
आरती हरनि विश्व धेया की॥
अर्थं सुधर्म प्रदायिनी,
अविचल अमल मुक्तिपदायिनी ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनी,
प्यारे पूजं नन्द चेया ॥
॥ आरती श्री गैया मैया की...॥

अखिल विश्व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अयं दुग्धन्न प्रदता ।
रोग शोक संकट पीड़ित,
भवसागर हित दण्ड नेया की॥
॥ आरती श्री गैया मैया की...॥

आयु आओज आरोग्य विकासिनी,
दुःख दन्ये दारिद्र विनाशिनी ।
शुष्मा सोख्ये सुमुधि प्रकाशिनी,
विमल विवेक बुद्धि देया की॥
॥ आरती श्री गैया मैया की...॥

सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पिए सुधा पियावति मयि ।
शत्रु मित्र सबको दुःखदायी,
स्नेह सौभाग्य विश्व जय की॥
॥ आरती श्री गैया मैया की...॥

आरती श्री गैया मैया की,
आरती हरनि विशव धेया की॥

निष्कर्ष

श्री गौमाता आरती सिर्फ़ एक भजन नहीं है; यह पवित्र गाय में निहित दिव्य तत्व के प्रति एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है। इस आरती को करने से भक्तों में कृतज्ञता, श्रद्धा और आध्यात्मिक जुड़ाव की भावना बढ़ती है।

यह हमें मनुष्यों और पशुओं के बीच के गहन बंधन तथा हमारे दैनिक जीवन में करुणा और देखभाल के महत्व की याद दिलाता है।

श्री गौमाता की आरती को अंग्रेजी और हिंदी दोनों में गाकर, हम सांस्कृतिक और भाषाई विभाजन को पाट सकते हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग इस सुंदर प्रार्थना के आध्यात्मिक लाभ का अनुभव कर सकेंगे।

चाहे आप इसे धार्मिक समारोहों, दैनिक अनुष्ठानों या विशेष अवसरों पर गाएं, यह आरती हमें उन आशीर्वादों और गुणों की याद दिलाती है जो गौमाता हमारे जीवन में लाती हैं।

गौमाता की आरती के साथ आध्यात्मिक यात्रा का आनंद लें और उनकी दिव्य कृपा आपके और आपके प्रियजनों के लिए शांति, समृद्धि और खुशी लाए।

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