श्री भागवत भगवान की आरती" - प्रेम, ज्ञान और दिव्यता के अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित एक पवित्र भजन।
हिंदू परंपरा की समृद्ध परंपरा में, आरती का पाठ देवता के प्रति श्रद्धा और आराधना की गहन अभिव्यक्ति के रूप में कार्य करता है।
जैसे ही हम इस कालातीत आरती के छंदों का गहन अध्ययन करते हैं, हम भक्ति की यात्रा पर निकल पड़ते हैं, तथा श्री भागवत भगवान की दिव्य उपस्थिति में शांति और ज्ञान की खोज करते हैं।
मधुर भजनों और हार्दिक प्रार्थनाओं के माध्यम से, आइए हम भगवान कृष्ण की दिव्य कृपा और आशीर्वाद में डूब जाएं और आध्यात्मिक एकता के आनंद का अनुभव करें।
श्री भगवत भगवान की है आरती हिंदी में
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
पापियों को पाप से है तारती।
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पंथ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवद भगवद गीता : श्री ...
ये शांति गीत पावन पुनीत,
पापों को मिटाने वाला,
हरी दर्शन वाला।
यह सुख करणी, यह दुःख हरिणी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवद भगवद गीता : श्री ...
ये मधुर बोल, जग फ़न्द खोल,
सन्मार्ग दर्शनवाला,
बिगाड़ी को बनाने वाला।
श्री राम यही, घनश्याम यही,
हे प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवद भगवद गीता : श्री ...
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवद भगवद गीता : श्री ...
ये शांति गीत पावन पुनीत,
पापों को मिटाने वाला,
हरी दर्शन वाला।
यह सुख करणी, यह दुःख हरिणी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवद भगवद गीता : श्री ...
ये मधुर बोल, जग फ़न्द खोल,
सन्मार्ग दर्शनवाला,
बिगाड़ी को बनाने वाला।
श्री राम यही, घनश्याम यही,
हे प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवद भगवद गीता : श्री ...
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
श्री भागवत भगवान की आरती अंग्रेजी में
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तरती।
पापियों को पाप से है तरती।
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पंथ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तरती॥
॥ श्री भगवत् भगवान की...॥
ये शांति गीत पवन पुनीत,
पापोन को मिटाने वाला,
हरी दरश दिखाने वाला।
यः सुख करणी, यः दुःख हारिणी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तरती॥
॥ श्री भगवत् भगवान की...॥
ये मधुर बोल, जग फांद खोल,
सन्मार्ग दिखाने वाला,
बिगाड़े को बनाने वाला।
श्री राम याही, घनश्याम याही,
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तरती॥
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तरती।
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तरती॥
॥ श्री भगवत् भगवान की...॥
ये शांति गीत पवन पुनीत,
पापोन को मिटाने वाला,
हरी दरश दिखाने वाला।
यः सुख करणी, यः दुःख हारिणी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तरती॥
॥ श्री भगवत् भगवान की...॥
ये मधुर बोल, जग फांद खोल,
सन्मार्ग दिखाने वाला,
बिगाड़े को बनाने वाला।
श्री राम याही, घनश्याम याही,
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तरती॥
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तरती।
निष्कर्ष:
"श्री भागवत भगवान की आरती" की दिव्य धुन में हमें सांत्वना, प्रेरणा और दिव्य कृपा मिलती है।
जैसे भक्ति की ज्वाला हमारे हृदयों को आलोकित करती है, वैसे ही पवित्र श्लोक हमारे भीतर गूंजते हैं, तथा हमें आध्यात्मिक जागृति और शाश्वत आनंद की ओर ले जाते हैं।
आइए हम इस आरती के सार को अपनी आत्मा में धारण करें, श्री भागवत भगवान के साथ गहरा संबंध बनाएं और भगवान कृष्ण के असीम प्रेम और करुणा का अनुभव करें।