सौराष्ट्रे स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारतीय संस्कृति में एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ प्रतिदिन हजारों भक्तों की भक्ति और आस्था की धारा बहती है। इस लेख में हम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महत्ता और मंत्र के महत्व को जानेंगे।
सौराष्ट्रे सोमनाथं - द्वादश ज्योतिर्लिंग - मंत्र
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।
उज्जयिन्यं महाकालम्ॐकर्ममलेश्वरम् ॥१॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम् ।
सेतुबंधे तु रमेशं नागेशं दारुकावने ॥२॥
वरानस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतते ।
हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये ॥३॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पथेन्नरः ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेण विनश्यति ॥४॥
समापन:
इस ब्लॉग के माध्यम से हमने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा को समझाया और उनके मंत्र के महत्व का अनुभव किया। इस ज्ञान को साझा करके हमने अपने धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया। आशा है कि यह लेख आपको प्रेरित करेगा और सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के महत्व को समझने में आपकी मदद करेगा।