रहो में फूल बिछाऊँगी - भजन हिंदी और अंग्रेजी में

भक्ति गीत "राहो में फूल बिछाऊँगी" कई भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। यह सुंदर भजन, अपनी मधुर धुन और दिल को छू लेने वाले बोलों के साथ, दिव्य प्रेम और भक्ति के लिए एक श्रद्धांजलि है।

पथ पर फूल बिखेरने का कार्य भक्त की ईश्वर के मार्ग को अपनी आस्था और प्रेम से सजाने की इच्छा का प्रतीक है। यह समर्पण, पवित्रता और ईश्वरीय उपस्थिति से जुड़ने की आत्मा की तड़प की अभिव्यक्ति है।

यह भजन भक्ति योग का सार प्रस्तुत करता है, जो भक्ति का मार्ग है, जहां भक्त अपना सम्पूर्ण अस्तित्व सर्वशक्तिमान को समर्पित कर देता है।

अपने सरल लेकिन गहन छंदों के माध्यम से, "रहो में फूल बिछाऊँगी" गहरी आध्यात्मिक लालसा और दिव्य सेवा के आनंद को व्यक्त करता है। इस भजन को गाना सिर्फ़ एक संगीतमय अनुभव नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है जो दिल को शांति और संतुष्टि प्रदान करती है।

यह ब्लॉग "रहो में फूल बिछाऊँगी" के अर्थ और महत्व पर प्रकाश डालता है। हम इस भजन की गीतात्मक सुंदरता, सांस्कृतिक संदर्भ और आध्यात्मिक सार का पता लगाएँगे जो इस भजन को भक्ति संगीत का एक कालातीत टुकड़ा बनाता है।

चाहे आप एक अनुभवी भक्त हों या भजन के लिए नए हों, यह अन्वेषण इस सुंदर भजन और भक्ति संगीत की दुनिया में इसके स्थान के प्रति आपकी प्रशंसा को और गहरा करेगा।

रहो में फूल बिछाऊँगी - भजन

राहों में फूल डालूंगी,
जब राम मेरे घर आये,
जब राम मेरे घर आये,
सियाराम मेरे घर आ रहे हैं,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥
मैं चुन चुन कलियाँ लाऊँगी,
हाथों से हार बनाऊँगी,
मैं तुम्हें हार पहनाऊँगी,
जब राम मेरे घर आये,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥

मैं चंदन चौकी बांधूंगी,
फूलों से उसे सजाऊँगी,
मैं प्रेम से उन्हें बधाई देती हूँ,
जब राम मेरे घर आये,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥

मैं छप्पन भोग बनाऊँगी,
हाथों से उन्हें खिलाऊँगी,
मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊँगी,
जब राम मेरे घर आये,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥

मैं रो रो उन्हें मनाऊँगी,
गा गा कर उन्हें सुनाऊँगी,
मैं अपना हाल बताऊँगी,
जब राम मेरे घर आये,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥

मैं फूलों की सेज बिछाऊँगी,
झालर का तकिया लगाऊँगी,
मैं उनके चरण दबाऊँगी,
जब राम मेरे घर आये,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥

राहों में फूल डालूंगी,
जब राम मेरे घर आये,
जब राम मेरे घर आये,
सियाराम मेरे घर आ रहे हैं,
रहो में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे॥

रहो में फूल बिछाऊँगी भजन

राहों में फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे,
सिया राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥
मैं चुन चुन कलियां लौंगी,
हाथों से हार बनाऊंगी,
मैं उनको हार पहनाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥

मैं चंदन चौकी बिछाऊंगी,
फूलों से उसे सजाऊंगी,
मैं प्रेम से उनको बिठाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥

मैं छप्पन भोग बनाऊंगी,
हाथों से उनको खिलाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥

मैं रो रो उन्हें मनाउंगी,
गा गा कर उन्हें सुनूंगी,

मैं अपना हाल बताऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥

मैं फूलों की सेज बिछाऊंगी,
झालर का टकिया लगाऊंगी,
मैं उनके चरण दबाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥

राहों में फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे,
सिया राम मेरे घर आएंगे,
रहो मैं फूल बिछाऊंगी,
जब राम मेरे घर आएंगे ॥

निष्कर्ष

"रहो में फूल बिछाऊँगी" सिर्फ़ एक भजन नहीं है; यह ईश्वर के प्रति अटूट भक्ति और बिना शर्त प्यार की अभिव्यक्ति है। रास्ते में फूल बिखेरने की कल्पना एक भक्त की भक्ति और त्याग के लिए एक शक्तिशाली रूपक के रूप में काम करती है। यह भजन हमें आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए आवश्यक हृदय की पवित्रता और ईश्वर की सेवा में खुद को समर्पित करने से मिलने वाले आनंद की याद दिलाता है।

"रहो में फूल बिछाऊँगी" का कालातीत आकर्षण इसकी सादगी और गहन संदेश में निहित है। यह हृदय से बात करता है, प्रेम, समर्पण और भक्ति की भावनाओं को जगाता है। कई लोगों के लिए, यह भजन गाना अपने आध्यात्मिक पक्ष से गहराई से जुड़ने का एक तरीका है, ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और आराधना को ऐसे तरीके से व्यक्त करना जिसे केवल शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

शोर और विकर्षणों से भरी दुनिया में, "रहो में फूल बिछाऊँगी" हमें सांत्वना और चिंतन का क्षण प्रदान करती है। यह हमें रुकने, भक्ति में सुंदरता खोजने और हमारे जीवन में दिव्य उपस्थिति को याद करने के लिए कहता है।

जब हम इस भजन की भावपूर्ण धुन और हृदयस्पर्शी बोलों में डूब जाते हैं, तो हमें इस शाश्वत सत्य की याद आ जाती है कि भक्ति और प्रेम ही आध्यात्मिक पथ के सच्चे श्रृंगार हैं।

इस भजन के माध्यम से हमें विश्वास की ज्योति को प्रज्वलित रखने तथा ईश्वरीय मार्ग पर भक्ति के पुष्प बिछाकर अपनी यात्रा जारी रखने की प्रेरणा मिलती है।

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