नारायण बलि पूजा हिंदू धर्म में एक पवित्र अनुष्ठान है जो अज्ञात पापों की क्षमा मांगने और दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने के लिए किया जाता है।
यह पूजा मुख्य रूप से पैतृक श्राप (पितृ दोष) के प्रभाव को कम करने और उन पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए की जाती है, जिनका उचित संस्कार नहीं हुआ हो।
नारायण बलि पूजा का उल्लेख हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों में से एक, गरुड़ पुराण में किया गया है, जिसमें इस अनुष्ठान की प्रक्रियाओं और महत्व का वर्णन किया गया है।
नारायण बलि पूजा का महत्व
नारायण बलि पूजा उन लोगों के लिए अत्यधिक महत्व रखती है जो जीवन में विभिन्न कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जैसे वित्तीय अस्थिरता, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, करियर और शिक्षा में बाधाएं, या व्यक्तिगत संबंधों में असामंजस्य।
इस अनुष्ठान का उद्देश्य असंतुष्ट पूर्वजों की आत्माओं से उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करके इन बाधाओं को दूर करना है।
इस पूजा को करके भक्त अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति और मुक्ति (मोक्ष) मिले।
नारायण बलि पूजा सामग्री सूची
नारायण बलि पूजा करने के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है जो अनुष्ठान के लिए आवश्यक है। यहाँ आवश्यक सामग्री की एक विस्तृत सूची दी गई है:
पूजन सामग्री
'सामग्री' | 'मातृ' |
0 | 10 ग्राम |
पीला सिंदूर | 10 ग्राम |
पीला अष्टगंध चंदन | 10 ग्राम |
लाल चंदन | 10 ग्राम |
विस्तृत चंदन | 10 ग्राम |
लाल सिंदूर | 10 ग्राम |
हल्दी | 50 ग्राम |
हल्दी | 50 ग्राम |
सुपाड़ी (सुपाड़ी) | 100 ग्राम |
लँगो | 10 ग्राम |
वलायची | 10 ग्राम |
सर्वौषधि | 1 डिब्बी |
सप्तमृतिका | 1 डिब्बी |
सप्तधान्य | 100 ग्राम |
सरसों (पीली/काली) | 50-50 ग्राम |
जनेऊ | 21 पीस |
पर्ल बड़ी | 1 शीशी |
गारी का गोला (सूखा) | 2 पीस |
पानी वाला नारियल | 1 पीस |
जटादार सूखा नारियल | 1 पीस |
अक्षत (चावल) | 1 किलो |
दानबत्ती | 1 पैकेट |
रुई की बट्टी (गोल/लंबी) | 1-1 पा. |
देशी घी | 500 ग्राम |
सरसों का तेल | 500 ग्राम |
कपूर | 20 ग्राम |
कलावा | 5 पीस |
कच्चा सूत | 2 पीस |
चुनरी (लाल /पपी) | 1/1 पीस |
कहना | 500 ग्राम |
:उम्मीद | 100 ग्राम |
रंग लाल | 5 ग्राम |
रंग | 5 ग्राम |
रंग काला | 5 ग्राम |
रंग नारंगी | 5 ग्राम |
रंग हरा | 5 ग्राम |
रंग बैंगनी | 5 ग्राम |
अबीर गुलाल (लाल, पीला, हरा, गुलाबी) अलग-अलग | 10 ग्राम |
बुक्का (अभ्रक) | 10 ग्राम |
गंगाजल | 1 शीशी |
गुलाबजल | 1 शीशी |
गौ मूत्र | 1 शीशी |
लाल वस्त्र | 1 मी. |
पीला वस्त्र | 1 मी. |
सफेद वस्त्र | 1 मी. |
हरा वस्त्र | 1 मी. |
काले वस्त्र | 1 मी. |
नीला वस्त्र | 1 मी. |
हनुमान जी का झंडा | 1 पीस |
चांदी का सिक्का | 1 पीस |
कुश | 4 पीस |
कुशा | 1 बंडल |
लकड़ी की चौकी | 1 पीस |
रुद्राक्ष की माला | 1 पीस |
छोटा-बड़ा | 1-1 पीस |
पलाश का पत्तल | 20 पीस |
मिट्टी का कलश (बड़ा) | 1 पीस |
मिट्टी का प्याला | 8 पीस |
मिट्टी की दीयाली | 8 पीस |
ब्रह्मपूर्ण पात्र (अनाज से भरा पात्र आचार्य को देने हेतु) | 1 पीस |
हवन कुण्ड | 1 पीस |
माचिस | 1 पीस |
आम की लकड़ी | 2 किलो |
नवग्रह समिधा | 1 पैकेट |
हवन सामग्री | 1 किलो |
तिल (काला/सफ़ेद) | 100-100 ग्राम |
जो | 100 ग्राम |
जौ का आटा | 1 किलो |
गुड | 100 ग्राम |
कमलगट्टा | 100 ग्राम |
गुग्गुल | 100 ग्राम |
दून | 100 ग्राम |
सुन्दर बाला | 50 ग्राम |
स्वादिष्ट कोकिला | 50 ग्राम |
नागरमोथा | 50 ग्राम |
जटामांसी | 50 ग्राम |
अगर-तगर | 100 ग्राम |
इंद्र जौ | 50 ग्राम |
बेलगुडा | 100 ग्राम |
सतावर | 50 ग्राम |
गुरच | 50 ग्राम |
जावित्री | 25 ग्राम |
कस्तूरी | 1 डिब्बी |
केसर | 1 डिब्बी |
खैर की लकड़ी | 4 पीस |
काला उड़द | 250 ग्राम |
मूंग दाल का पापड़ | 1 पैकेट |
:(क) | 100 ग्राम |
पंचमेवा | 200 ग्राम |
किसान | 100 ग्राम |
पंचरत्न व पंचधातु | 1 डिब्बी |
शंख | 1 पीस |
गोरोचन | 1 डिब्बी |
कंडी (गाय के गोबर से निर्मित) | 5 पीस |
धोती (पीली/लाल) | 1 पीस |
अगोँछा (पीला/लाल) | 1 पीस |
पूजाहोम से सम्पूर्ण पूजा सामग्री ऑर्डर करें
तुरंत खरीदें सामग्री
'सामग्री' | 'मातृ' |
मिष्ठान | 500 ग्राम |
पान के पत्ते | 21 पीस |
आम के पत्ते | 2 द |
बरगद के पत्ते | 21 पीस |
गुलर के पत्ते | 21 पीस |
पीपल के पत्ते | 21 पीस |
पकड के पत्ते | 21 पीस |
ऋतु फल | 5 प्रकार के |
दूब घास | 100 ग्राम |
फूल, हार (गुलाब) की | 2 माला |
फूल, हार (गेंदे) की | 2 माला |
(सफेद) फूल, हर | 2 माला |
गुलाब/गेंदा का खुला हुआ फूल | 500 ग्राम |
तुलसी की पत्ती | 5 पीस |
दूध | 1 ट |
: | 1 किलो |
मावर | 100 ग्राम |
घर से लाने के लिए सामग्री
सामग्री' | 'मातृ' |
ओ | 100 ग्राम |
: ... | 500 ग्राम |
अखण्ड दीपक | 1 पीस |
पृष्ठ/पीतल का कलश (ढक्कन रेंज) | 1 पीस |
थाली | 2 पीस |
लोटे | 2 पीस |
कटोरी | 4 पीस |
: ... | 2 पीस |
परात | 2 पीस |
कैंची / चाकू (लड़ी काटने हेतु ) | 1 पीस |
जल (पूजन हेतु) | |
गाय का गोबर | |
मिट्टी/बालू | |
ऐड का आसन | |
कुंरी | 1 पीस |
अंगोछा | 1 पीस |
शालग्राम मूर्ति | 1 पीस |
अपने उपहार की प्रतिमा | 1 पीस |
धोती, | |
कुर्ता, | |
अंगोछा, | |
पंच पात्र, | |
माला! |
नारायण बलि पूजा के लाभ
- पैतृक श्राप से मुक्ति : यह पूजा पैतृक श्राप के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करती है, तथा परिवार में शांति लाती है।
- आध्यात्मिक उत्थान : इस अनुष्ठान को करने से आत्मा शुद्ध होती है और आध्यात्मिक विकास बढ़ता है।
- शांति और समृद्धि : पूर्वजों के आशीर्वाद से जीवन के विभिन्न पहलुओं में सद्भाव, समृद्धि और सफलता मिलती है।
- स्वास्थ्य लाभ : यह पूजा आध्यात्मिक गड़बड़ी के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर काबू पाने में मदद करती है।
- पितृ दोष का शमन : यह पूर्वजों के प्रति अधूरे दायित्वों के कारण उत्पन्न दोषों का निवारण करता है।
- पारिवारिक संबंधों में सुधार : यह अनुष्ठान पारिवारिक सद्भाव लाता है और परिवार के भीतर विवादों को सुलझाता है।
- करियर और शिक्षा में सफलता : यह पेशेवर और शैक्षणिक प्रयासों में बाधाओं को दूर करता है, जिससे बेहतर अवसर और विकास होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा : यह अनुष्ठान वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा भरता है, नकारात्मकता को दूर भगाता है और समग्र कल्याण को बढ़ाता है।
निष्कर्ष
नारायण बलि पूजा एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जिसका हिंदू धर्म में गहरा महत्व है। उचित सामग्री और भक्ति के साथ इस पूजा को करने से, भक्त अपने पूर्वजों के अज्ञात पापों के लिए क्षमा मांग सकते हैं, उनकी आत्मा को शांति प्रदान कर सकते हैं और अपने जीवन में समृद्धि और खुशी को आमंत्रित कर सकते हैं। इस पूजा के लाभ कई गुना हैं, पारिवारिक विवादों को सुलझाने से लेकर विभिन्न प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करने तक, यह दिव्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक उत्थान चाहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास है।