म्हारा सालासर का बाला ओ जी अंजनी माँ का लाला(सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला - भजन) भजन हिंदी और अंग्रेजी में

"म्हारा सालासर का बाला ओ जी अंजनी मां का लाला" एक ऐसा भावपूर्ण भजन है जो भगवान हनुमान के भक्तों के दिलों में गहराई से गूंजता है। आध्यात्मिक महत्व से भरपूर यह भक्ति गीत राजस्थान के हृदय स्थल से आया है, जो सालासर बालाजी की दिव्य उपस्थिति और चमत्कारों का जश्न मनाता है।

यह भजन अंजनी मां के प्रिय पुत्र भगवान हनुमान का सार प्रस्तुत करता है, जो अपनी असीम शक्ति, अटूट भक्ति और जरूरत के समय दिव्य हस्तक्षेप के लिए पूजे जाते हैं।

राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहाँ हज़ारों भक्त आशीर्वाद लेने और प्रार्थना करने के लिए एकत्रित होते हैं। यह भजन भगवान हनुमान के प्रति भक्तों की गहरी आस्था और श्रद्धा को खूबसूरती से दर्शाता है।

अपनी मधुर धुनों और हृदयस्पर्शी बोलों के माध्यम से यह भजन न केवल देवता की महिमा का बखान करता है, बल्कि श्रोताओं के लिए प्रेरणा और सांत्वना का स्रोत भी बनता है।

जैसे ही आप "म्हारा सालासर का बाला ओ जी अंजनी मां का लाला" के पदों में डूबेंगे, आप भक्ति के दायरे में पहुंच जाएंगे, और उस दिव्य संबंध का अनुभव करेंगे जिसे भक्तों की पीढ़ियों ने संजोया है।

सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला - भजन

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,
मने घणो ही पादो,
लगे थारो धाम जी,
थारी मूरतिया मन भाई,
आँख्या तरसे दर्शन ताई,
मैं तो रट्टा आवा,
बाबा थारो नाम जी ॥
चमचम चमचम चंदा जे हड़दो,
थारो मुखड़ो चमके,
जगमग जगमग ज्योत जले,
सारो मन्दिर यो दमके,
माला गले में महके जी,
पगा में घुंघरू सोहे है जी,
छमछम बाजन वाला,
म्हारां सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,
मने घणो ही पादो,
लागे थारो धाम जी ॥

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय विक्रम बजरंगी,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर,
जय हनुमान अढ़ंगी,
सालासर का राजा जी,
रट्टा आवा महे बालाजी,
थारा नाम की माला,
म्हारां सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,
मने घणो ही पादो,
लागे थारो धाम जी ॥

केसरिया बागा में बाबा,
लागो हो थे प्यारे,
थारी किरपा रा मंदिर में,
देख्या खूब नज़ारा,
'बागड़ा' था सु अरज करे,
हो ना जाइजो महसु बेखबर,
बालाजी मतवाला,
म्हारां सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,
मने घणो ही पादो,
लागे थारो धाम जी ॥

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,
मने घणो ही पादो,
लगे थारो धाम जी,
थारी मूरतिया मन भाई,
आँख्या तरसे दर्शन ताई,
मैं तो रट्टा आवा,
बाबा थारो नाम जी ॥

म्हारा सालासर का बाला ओ जी अंजनी माँ का लाला भजन अंग्रेजी में

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ के लाला,
मने घणो ही प्यारो,
लागे थारो धाम जी,
थारे मुरतिया मान भाई,
आंख्या तरसे दर्शन ताई,
मैं तो रताता आवा,
बाबा थारो नाम जी॥
चमाचम चमाचम चंदा जेहादो,
थारो मुखादो चमके,
जगमग जगमग ज्योत जले,
सारो मंदिर यो दमके,
माला गले में महके जी,
पगा में घुंघरू सोहे है जी,
छमाछम बाजन वाला,
म्हाराँ सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ के लाला,
मने घणो ही प्यारो,
लागे थारो धाम जी ॥

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय बिक्रम बजरंगी,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर,
जय हनुमान अढंगी,
सालासर का राजा जी,
रताता आवा महे बालाजी,
थारा नाम की माला,
म्हाराँ सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ के लाला,
मने घणो ही प्यारो,
लागे थारो धाम जी ॥

केसरिया बागा में बाबा,
लागो हो द प्यारा,
थारी किरपा रा मंदिर में,
देख्या खूब नजारा,
'बगदा' था सु अरज करे,
हो ना जैजो म्हसू बेखबर,
बालाजी मतवाला,
म्हाराँ सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ के लाला,
मने घणो ही प्यारो,
लागे थारो धाम जी ॥

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ के लाला,
मने घणो ही प्यारो,
लागे थारो धाम जी,
थारे मुरतिया मान भाई,
आंख्या तरसे दर्शन ताई,
मैं तो रताता आवा,
बाबा थारो नाम जी॥

निष्कर्ष

"म्हारा सालासर का बाला ओ जी अंजनी मां का लाला" एक भजन मात्र नहीं है; यह भगवान हनुमान की दिव्य शक्ति और उदारता के प्रति एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है।

इस भक्ति गीत में भक्तों के दिलों को छूने की अनोखी क्षमता है, जो उन्हें हनुमान द्वारा उनके जीवन में प्रदान किए गए अटूट समर्थन और मार्गदर्शन की याद दिलाता है।

यह भजन न केवल देवता की महिमा का बखान करता है, बल्कि श्रोताओं के बीच सामुदायिक भावना और साझी आस्था को भी बढ़ावा देता है, तथा एक आध्यात्मिक बंधन का निर्माण करता है जो भौगोलिक सीमाओं से परे होता है।

सालासर बालाजी मंदिर, अपने समृद्ध इतिहास और चमत्कारी कहानियों के साथ, भक्तों की अटूट आस्था का प्रमाण है। इस भजन को गाना या सुनना एक गहरा परिवर्तनकारी अनुभव हो सकता है, जो शांति, भक्ति और आध्यात्मिक जागृति की भावना पैदा करता है।

जैसे ही गीत आपके हृदय में गूंजता है, आपको अंजनी मां के प्रिय पुत्र भगवान हनुमान की शाश्वत उपस्थिति की याद आ जाती है, जो अपने भक्तों को प्रेरित करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं।

"म्हारा सालासर का बाला ओ जी अंजनी मां का लाला" की भक्ति भावना को अपनाते हुए, हम न केवल भगवान हनुमान के दिव्य गुणों का उत्सव मनाते हैं, बल्कि हमारे जीवन में विश्वास और भक्ति की स्थायी शक्ति का भी उत्सव मनाते हैं।

यह भजन आशा और आध्यात्मिक शक्ति की किरण के रूप में कार्य करता है, तथा भक्तों को अपने विश्वास में दृढ़ रहने और अपने जीवन के सभी पहलुओं में सालासर बालाजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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