हिंदू धर्म में आरती एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो देवताओं के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसमें देवता के सामने जलती हुई बाती लहराना और भजन और प्रार्थनाओं का गायन शामिल है।
भगवान शिव, जिन्हें महादेव के नाम से भी जाना जाता है, को समर्पित सबसे प्रतिष्ठित आरतियों में से एक है "महादेव जी आरती।"
यह आरती भक्ति की गहन अभिव्यक्ति है, जो सत्य, शाश्वत मूल्यों और सौंदर्य के सार को समाहित करती है - वे गुण जो भगवान शिव को परिभाषित करते हैं।
महादेव जी की आरती का पाठ केवल एक अनुष्ठानिक अभ्यास नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है जो भक्तों को ईश्वर से जोड़ती है, आशीर्वाद प्राप्त करती है और आंतरिक शांति को बढ़ावा देती है।
हर महादेव आरती हिंदी में
सत्य, सनातन, सुन्दर,
शिव! सब स्वामी ।
अवकारी, अविनाशी,
अज, अंतर्यामी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
आदि अनंत, अनामय,
अकल, कलाधारी ।
अमल, अरूप, अगोचर,
अविचल अघहारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर,
तुम त्रिमूर्तिधारी ।
कर्ता, भर्ता, धर्ता,
तुम ही संहारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
रक्षक, भक्षक, प्रेरक,
तुम औढरदानी ।
साक्षी, परमप्रिय,
कर्ता अभिमानी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
मायामय भवनवासी,
अति भोगी, रागी ।
सदा मसानबिहारी,
योगी वैरागी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
छाल, कपाल, गरल,
गल, मुंडमाल व्याली ।
चिताभस्म तन, त्रिनयन,
अयन महाकाली ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
प्रेत-पिशाच, सुसेवित
पीत जटाधारी ।
विवसन, विकट रूपधर,
रुद्र प्रलयकारी ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
शुभ्र, सौम्य, सुरसरिधर,
शशिधर, सुखकारी ।
अतिकमनीय, शान्तिकर
शिव मुनिमन हरि ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
निर्गुण, सबगुण, निरंजन,
जगमय नित्य प्रभो ।
कालरूप केवल, हर!
कालातीत विभो ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
सत-चित-आनंद, रसमय,
करुणामय, धाता ।
प्रेम-सुधा-निधि, प्रियतम,
अखिल विश्व-त्राता ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
हम अति दीन, दयामय!
चरण-शरण दीजै ।
सब विधि निर्मल मति,
कर अपना कर लीजै ॥
ॐ हर हर हर महादेव..॥
हर महादेव आरती अंग्रेजी में
सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी, अज, अन्तर्यामी ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
आदि अनंत, अनामय, अकाल, कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल अघाहारी ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, तुम साहसी ।
साक्षी, परम अकर्ता कर्ता अभिमानी ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
मणिमय भवन निवासी, अति भोगी, रागी।
सदा मसानबिहारी, योगी वैरागी ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
छल, कपाल, गरल, गल, मुण्डमाल व्यालि ।
चिताभस्मं तं त्रिनयन अयं महाकाली ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
प्रेत-पिशाच, सुसेवित पीत जटाधारी ।
विवसन, विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
अतिकामनीय, शांतिकर शिव मुनि मन हरि ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
निर्गुण, सगुण, निरंजन, जगमय नित्य प्रभो ।
कलारूप केवल, हर ! कलातीत विभो ॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
सत्-चित्-आनन्द, रसमय, करुणामय, धाता ।
प्रेमसुधानिधि प्रियतम अखिल विश्वत्राता॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
हम अति दीन, दयामय ! चरण-शरण दीजै ।
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै॥
॥ॐ हर हर हर महादेव..॥
निष्कर्ष
महादेव जी की आरती एक गहन और गहन आध्यात्मिक अभ्यास है जिसका हिंदू पूजा में बहुत महत्व है। यह केवल एक अनुष्ठान नहीं है बल्कि भगवान शिव के दिव्य सार से जुड़ने का एक साधन है, जो सत्य, अनंत काल और सुंदरता का प्रतीक है।
इस आरती को गाने से ईश्वरीय आशीर्वाद मिलता है, आंतरिक शांति मिलती है, और भक्ति और आध्यात्मिक विकास की गहरी भावना को बढ़ावा मिलता है। यह एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य करता है, जो भक्तों को सनातन धर्म के सिद्धांतों के साथ अपने जीवन को संरेखित करने में मदद करता है।
महादेव जी की आरती के माध्यम से भक्तों को सत्य और धार्मिकता के शाश्वत मूल्यों की याद दिलाई जाती है तथा उन्हें सदाचार और करुणा का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस आरती का सामुदायिक पहलू सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करता है और आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाता है, जिससे एक शक्तिशाली सामूहिक ऊर्जा का निर्माण होता है।
अंततः, महादेव जी आरती व्यक्तिगत परिवर्तन की एक यात्रा है, जो व्यक्तियों को अपने जीवन पर चिंतन करने तथा उच्चतर सद्गुणों को विकसित करने के लिए प्रेरित करती है।
यह भक्ति की एक सुंदर अभिव्यक्ति है, जो सांसारिक को दिव्य से जोड़ती है, तथा इसका जाप करने वालों के हृदय में शांति और पूर्णता की गहन भावना उत्पन्न करती है।