खाटू श्याम जी आरती एक लोकप्रिय हिंदू धार्मिक परंपरा है जो खाटू धाम में श्री खाटू श्याम जी मंदिर में प्रतिदिन शाम के समय की जाती है।
यह आरती खाटू श्याम जी की पूजा के दौरान गाई जाती है और भक्तों को उनका आशीर्वाद पाने में सहायता करती है। इस आरती के पाठ से भक्तों को आध्यात्मिक शांति, संतोष और प्रेम की अनुभूति होती है।
आइये खाटू श्याम जी की महिमा का अनुभव करें और उनकी आरती के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें।
श्री खाटू श्याम आरती हिंदी में
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
सिर पर चंवर धुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
गल पुष्पों की माला,
सिर पर मुकुट धरे ।
खेवट धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
मोदक खीर चूरमा,
सुवर्ण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
झांझ कटोरा और घड़ियाल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उच्चरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तून,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री खाटू श्याम जी की आरती अंग्रेजी में
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम बिराजत,
अनुपम रूप धरे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
रतन जदित सिंहासन,
सर पर चंवर धुले ।
तन केहरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पडे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
गल पुष्पों की माला,
सर पर मुकुट धरे ।
खेवट धूप, अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
मोदक, खीर, चूरमा,
सुवरन थाल भरे ।
सेवल भोग लागावत,
सेवा नित्य करे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
झांझ, कटोरा और घड़ियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय जयकार करे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुख से उबरे ।
सेवक जन निज मुखसे,
श्री श्यामाश्याम उचरे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
श्री श्याम बिहारीजी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
केहत सुधीर अज्ञानी,
मनवंचित फल पावे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे,
निज भक्तो के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम बिराजत,
अनुपम रूप धरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे...॥
निष्कर्ष:
खाटू श्याम जी आरती एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति, संतोष और प्रेम की अनुभूति कराती है।
यह आरती भक्तों को खाटू श्याम जी का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने में सहायता करती है, तथा उन्हें आत्मनिर्भर और संतुष्ट जीवन जीने की ओर मार्गदर्शन करती है।