रघुवर श्री रामचंद्र जी आरती (रघुवर श्री रामचंद्र जी आरती) हिंदी और अंग्रेजी में

प्रत्येक भक्त के हृदय में रघुवर श्री रामचन्द्र जी की भक्ति की शाश्वत धुन गूंजती है।

आध्यात्मिक यात्रा पर हमारे साथ जुड़ें, जहां हम हिंदी और अंग्रेजी में भगवान राम की दिव्य उपस्थिति को उजागर करने वाली आरती के पवित्र छंदों का आनंद लेंगे।

रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती हिंदी में

आरती कीजय श्री रघुवर जी की,
सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥

दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,
सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥

अनुगत भक्त भक्त उर चंदन,
मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥

निर्गुण सबगुण अनूप रूप निधि,
सकल लोक वन्दित विविध विधि॥

हरण शोक-भय दायक नव निधि,
माया रहित दिव्य नर वर की॥

जानकी पति सुर अधिपति जगपति,
अखिल लोक पाल त्रिलोक गति॥

विश्व वन्द्या अवन्ह अमित गति,
एक मात्र गति सत्यचर्या की॥

शरणागत वत्सल व्रतधारी,
भक्त कल्प तरुवर असुरारी॥

नाम लेत जग पावनकारी,
वानर सखा दीन दुख हर की॥

रघुवर श्री रामचंद्र जी की आरती अंग्रेजी में

आरती की जय श्री रघुबरजी की।
सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥

दशरथ-तनय कौशिला-नन्दन।
सुर-मुनि-रक्षक दैत्य-निकन्धन॥

अनुगथ-भक्त भक्त-उर-चन्दन।
मर्यादापुरुषोत्तम वर की॥

निर्गुण-सगुण अरूप-रूपनिधि।
सकल लोकवन्धित विभिन्ना विधि॥

हरण शोक-भय, दायक सब सिद्धि।
मायाराहित दिव्य नर-वर की॥

जानकीपति सुराधिपति जगपति।
अखिल लोक पालक त्रिलोक गति॥

विश्ववन्त अन्वध अमित-मति।
एकमात्रा गति सचराचर की॥

शरणागत वत्सल व्रतधारी।
भक्त-कल्पतरु-वर असुरारि॥

नाम लेठ जग पवनकारी।
वानर सखा दीन-दुख हर की॥

निष्कर्ष:

जैसा कि हम रघुवर श्री रामचंद्र जी की आरती के दिव्य छंदों के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक यात्रा का समापन करते हैं, आइए हम अपने हृदय में भक्ति की ज्वाला को लेकर चलें, तथा भगवान राम के प्रेम और कृपा के अनन्त प्रकाश से अपने पथ को प्रकाशित करें।

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