Mangalwar Vrat Katha(मंगलवार व्रत कथा) in Hindi

मंगलवार व्रत कथा भारतीय धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह व्रत मुख्यतः भगवान हनुमान की पूजा के लिए रखा जाता है, जिन्हें शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है।

भारतीय संस्कृति में व्रत और उपवास का विशेष महत्व है, और मंगलवार का व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है जो जीवन में समस्याओं और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

भगवान हनुमान को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त मंगलवार को उपवास रखते हैं। इस दिन, भक्त लाल वस्त्र धारण करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। मंगलवार व्रत की कथा का श्रवण करने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि यह विश्वास भी होता है कि भगवान हनुमान हमारी सभी परेशानियों का समाधान करेंगे।

मंगलवार व्रत की कथा सुनने और सुनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यह कथा हनुमान जी की अद्भुत लीलाओं और उनके भक्तों पर किए गए उपकारों को वर्णित करती है। इस व्रत के माध्यम से, भक्त अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का अनुभव करते हैं।

मंगलवार व्रत कथा

एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।

घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।

वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।

बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है?

पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।

घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि, मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है।

ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।

जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है,और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है, और हनुमान जी की दया के पात्र बनते हैं।

निष्कर्ष

मंगलवार व्रत कथा का श्रवण और पालन करने से जीवन में अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। भगवान हनुमान की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएँ और कष्ट दूर हो जाते हैं। यह व्रत व्यक्ति को आत्मबल, धैर्य और साहस प्रदान करता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से मंगलवार का व्रत रखते हैं और कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें भगवान हनुमान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

वर्तमान समय में भी, जब जीवन तनाव और चुनौतियों से भरा हुआ है, मंगलवार व्रत कथा एक महत्वपूर्ण माध्यम है जिससे हम मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। यह कथा हमें यह सिखाती है कि भगवान हनुमान की भक्ति और श्रद्धा से हम अपने जीवन की सभी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।

मंगलवार व्रत की कथा सुनकर और व्रत का पालन करके, भक्त अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और भगवान हनुमान की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, आइए हम सभी इस पवित्र व्रत का पालन करें और भगवान हनुमान की भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाएं।

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