Maa Saraswati Vandana(माँ सरस्वती वंदना) in Hindi and English

Maa Saraswati Vandana is a heartfelt invocation to the Hindu goddess Saraswati, the embodiment of knowledge, wisdom, art, and learning. Saraswati is revered as the divine source of inspiration for creativity, intellect, and speech.

This Vandana, or prayer, is a tradition deeply rooted in Indian culture, often recited at the beginning of educational and artistic pursuits, seeking the blessings of Saraswati for guidance and success.

माँ सरस्वती वंदना हिंदी में

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌ ।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌ ॥२॥

हिन्दी भावार्थ:
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें।

शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान्‌ बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलङ्कृत, भगवती शारदा की मैं वंदना करता हूँ।

Maa Saraswati Vandana in English

Ya Kundendu Tusharahara Dhavala Ya Shubhra Vastravrita
Ya Veena Varadanda Manditakara Ya Shveta Padmasana।
Ya Brahmachyuta Shankara Prabhritibihi Devaih Sada Pujita
Sa Mam Pattu Saravatee Bhagavatee Nihshesha Jadyapaha॥1॥

Shuklam Brahmavichara Sara, Parmamadyam Jagadvyapineem
Veena Pustaka Dharineema Bhayadam Jadyandhakarapaham।
Haste Sphatikamalikam Vidadhateem Padmasane Samsthitam
Vande Tam Parmeshvareem Bhagwateem Buddhipradam Sharadam॥2॥

 

Conclusion:

As we conclude this Vandana, let us carry with us the blessings of Maa Saraswati, nurturing the flame of knowledge within us and guiding our endeavors towards enlightenment and wisdom.

May her grace inspire us to excel in our pursuits, and may the light of learning and creativity shine brightly in our lives, illuminating the path to truth and understanding.

Let us always remember the significance of Saraswati Vandana, honoring the divine goddess who empowers us to explore the realms of knowledge and artistry with reverence and gratitude. Jai Maa Saraswati!

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