माँ दुर्गा माँ काली आरती(अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती) हिंदी और अंग्रेजी में

हिंदू पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता के विशाल विस्तार में देवी दुर्गा और देवी काली के प्रति श्रद्धा अद्वितीय है।

विभिन्न भजनों और प्रार्थनाओं के माध्यम से उनकी दिव्य उपस्थिति का आह्वान किया जाता है, जिनमें से "अम्बे तू है जगदम्बे काली" आरती का विशेष महत्व है।

गहरी भक्ति और उत्साह के साथ गाई जाने वाली यह आरती इन देवियों के दुर्जेय गुणों की प्रशंसा करती है तथा ब्रह्मांड की रक्षक और पोषणकर्ता के रूप में उनकी भूमिका को स्वीकार करती है।

आइये इस आरती के छंदों के माध्यम से एक यात्रा पर चलें, देवी दुर्गा और देवी काली के दिव्य सार को समझें, तथा उनके द्वारा प्रेरित गहन भक्ति का अनुभव करें।

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती हिंदी में

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

तेरे भक्त जानो पर,
भीर पड़ी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह ड्राइव ।
सौ-सौ सिंहो से बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टो को पाल्मे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग में,
बड़ा ही निर्मल नाता ।
पूत - कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करुणा दर्शने वाली,
अमृत ​​बरसाने वाली,
दुखियो के दुखदे निवारति ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

नहिं मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो वाली माँ तेरे मन में,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज जीने वाली,
सतियो के सत को संवरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

----- जोड़ना ----
चरण शरण मे खड़े तुम,
ले पूजा की थाली ।
वरद हस्त सर पर रख दो,
मो सकं त हरणे वाली ।
मो भर दो भक्ति रस प्याली,
अष्ट भुजाओ वाली,
भक्तो के कारज तू ही सारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ दुर्गा माँ काली आरती अंग्रेजी में

अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाए भारती,
हे मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

तेरे जगत के भक्त जनन पर,
भीड पडी है भारी माँ ।
दानव दाल पर टूट पड़ो,

माँ करके सिंह सवारी ।
सो-सो सिंघो से तू बलशाली,
अष्ट भुजाओ वाली,
दुश्मनों को पल में शामिल करें ।
हे मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ बेटे का है इस जग में,
बड़ा ही निर्मल नाता ।
पूत कपूत सुने है पर ना,
माता सुनि कुमाता ॥
सब पर करुणा दर्शन वाली,
अमृत ​​बरसाने वाली
दुखियों के दुखड़े निवारति ।
हे मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगे धन और दौलत,
ना चाँदी ना सोना माँ ।
हम तो मांगेगे माँ तेरे मन में,
एक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को संवरती ।
हे मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

निष्कर्ष:

जैसे ही हम "अम्बे तू है जगदम्बे काली" आरती का अन्वेषण पूरा करते हैं, हमें देवी दुर्गा और देवी काली की शाश्वत उपस्थिति और असीम कृपा की याद आती है।

इस आरती के भावपूर्ण छंदों के माध्यम से, हम भक्ति और श्रद्धा के एक ऐसे क्षेत्र में पहुँच जाते हैं, जहाँ दिव्य माँ सर्वोच्च शासन करती हैं, अंधकार को दूर करती हैं और अपने भक्तों के दिलों में आशा का संचार करती हैं।

माँ दुर्गा और माँ काली का आशीर्वाद हमारे जीवन में शक्ति, साहस और अटूट भक्ति का संचार करे। जय माँ दुर्गा! जय माँ काली!

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