Rina Vimochana Nrisimha Stotram(ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम्) in Hindi

ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है जो भगवान नृसिंह को समर्पित है। भगवान नृसिंह, जो विष्णु के उग्र और रक्षा स्वरूप हैं, अपने भक्तों की कठिनाइयों को दूर करने और उन्हें ऋण मुक्ति का आशीर्वाद देने के लिए जाने जाते हैं।

यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो आर्थिक समस्याओं और ऋण के बोझ से पीड़ित हैं।

ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम् का पाठ करते समय व्यक्ति को भगवान नृसिंह की कृपा और उनके द्वारा की जाने वाली सुरक्षा पर पूरा विश्वास रखना चाहिए। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता और जीवन में संतुलन प्राप्त किया जा सकता है।

यह न केवल आर्थिक बोझ को हल्का करता है बल्कि व्यक्ति को आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

इस स्तोत्र का महत्व केवल आर्थिक समस्याओं तक सीमित नहीं है; यह जीवन के विभिन्न संकटों से उबरने और मानसिक शांति प्राप्त करने में भी सहायक है।

भगवान नृसिंह की आराधना से व्यक्ति में साहस, दृढ़ता और संकल्प की भावना उत्पन्न होती है, जो जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सहायक होती है।

ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम्

देवकार्य सिध्यर्थं सभस्तंभं समुद् भवम ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

लक्ष्म्यालिन्गितं वामांगं, भक्ताम्ना वरदायकं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

अन्त्रांलादरं शंखं, गदाचक्रयुध धरम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

स्मरणात् सर्व पापघ्नं वरदं मनोवाञ्छितं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

सिहंनादेनाहतं, दारिद्र्यं बंद मोचनं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

प्रल्हाद वरदं श्रीशं, धनः कोषः परिपुर्तये ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

क्रूरग्रह पीडा नाशं, कुरुते मंगलं शुभम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

वेदवेदांगं यद्न्येशं, रुद्र ब्रम्हादि वंदितम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

व्याधी दुखं परिहारं, समूल शत्रु निखं दनम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

विद्या विजय दायकं, पुत्र पोत्रादि वर्धनम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

भुक्ति मुक्ति प्रदायकं, सर्व सिद्धिकर नृणां ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥

उर्ग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तम् सर्वतोमुखं ।
नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्य मृत्युं नमाम्यहम॥

य: पठेत् इंद् नित्यं संकट मुक्तये ।
अरुणि विजयी नित्यं, धनं शीघ्रं माप्नुयात् ॥
॥ श्री शंकराचार्य विरचित सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र संपूर्णं ॥

निष्कर्ष

ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम् भगवान नृसिंह की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है। इसका नियमित पाठ न केवल आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता है बल्कि जीवन की अन्य कठिनाइयों से निपटने की शक्ति और साहस भी प्रदान करता है। इस स्तोत्र का महत्व और प्रभाव उसकी शुद्धता और भक्ति में निहित है।

भगवान नृसिंह की कृपा से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव और उन्नति का अनुभव कर सकता है। ऋण विमोचन नृसिंह स्तोत्रम् के नियमित पाठ से व्यक्ति को न केवल आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है बल्कि मानसिक शांति, आत्मविश्वास और जीवन में समृद्धि भी मिलती है।

इस प्रकार, यह स्तोत्र न केवल भक्ति का एक साधन है बल्कि एक प्रभावी उपाय भी है जो व्यक्ति को जीवन की विभिन्न समस्याओं से उबरने में मदद करता है। भगवान नृसिंह की कृपा से हम सबके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो। अतः, इस पवित्र स्तोत्र का पाठ करें और भगवान नृसिंह की असीम कृपा का अनुभव करें।

 

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