Guru Paduka Stotram(गुरु पादुका स्तोत्रम्) in Hindi and English

गुरु पादुका स्तोत्रम् एक महत्वपूर्ण और पवित्र स्तोत्र है जो गुरु की चरण पादुकाओं की स्तुति करता है। यह स्तोत्र हिंदू धार्मिक ग्रंथों में अत्यधिक सम्मानित माना जाता है और विशेष रूप से गुरु-शिष्य परंपरा में गहरी आध्यात्मिक महत्ता रखता है। गुरु पादुका, गुरु के चरण पादुकाएँ (चप्पल) होती हैं, जो गुरु के चरणों की प्रतीकात्मकता का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन पादुकाओं की पूजा और स्तुति करके भक्त गुरु की आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करते हैं।

गुरु पादुका स्तोत्रम् का पाठ करने से गुरु के प्रति सम्मान और भक्ति प्रकट होती है, जो जीवन में ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए आवश्यक होता है। यह स्तोत्र गुरु की पवित्रता, उनके ज्ञान और उनकी कृपा का आदर करता है, और इसे पढ़ने से भक्त को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उत्थान, और जीवन में सही मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

गुरु पादुका स्तोत्रम् हिंदी में

॥ श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् ॥
अनंत-संसार समुद्र-तार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् ।
वैराग्य साम्राज्यद पूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥1॥

कवित्व वाराशिनिशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिकाभ्याम् ।
दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥2॥

नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिद-प्याशु दरिद्रवर्याः ।
मूकाश्च वाचस्पतितां हि ताभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥3॥

नालीकनीकाश पदाहृताभ्यां नानाविमोहादि-निवारिकाभ्यां ।
नमज्जनाभीष्टततिप्रदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥4॥

नृपालि मौलिव्रजरत्नकांति सरिद्विराजत् झषकन्यकाभ्यां ।
नृपत्वदाभ्यां नतलोक पंक्ते: नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥5॥

पापांधकारार्क परंपराभ्यां तापत्रयाहींद्र खगेश्र्वराभ्यां ।
जाड्याब्धि संशोषण वाडवाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥6॥

शमादिषट्क प्रदवैभवाभ्यां समाधिदान व्रतदीक्षिताभ्यां ।
रमाधवांध्रिस्थिरभक्तिदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥7॥

स्वार्चापराणां अखिलेष्टदाभ्यां स्वाहासहायाक्षधुरंधराभ्यां ।
स्वांताच्छभावप्रदपूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥8॥

कामादिसर्प व्रजगारुडाभ्यां विवेकवैराग्य निधिप्रदाभ्यां ।
बोधप्रदाभ्यां दृतमोक्षदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥9॥

Guru Paduka Stotram in English

॥ Shri Guru Paduka Stotram ॥
Anantha Samsara Samudhra Thara Naukayithabhyam Guru Bhakthithabhyam ।
Vairagya Samrajyadha Poojanabhyam, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥1

Kavithva Varahsini Sagarabhyam, Dourbhagya Davambudha Malikabhyam ।
Dhoorikrutha Namra Vipathithabhyam, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥2

Natha Yayo Sripatitam Samiyu Kadachidapyashu Daridra Varya ।
Mookascha Vachaspathitham Hi Thabhyam, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥3

Naleeka Neekasa Pada Hrithabhyam, Nana Vimohadhi Nivarikabyam ।
Nama Janabheeshtathathi Pradhabhyam Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥4

Nrupali Mouleebraja Rathna Kanthi Saridvi Raja Jjashakanyakabhyam ।
Nrupadvadhabhyam Nathaloka Pankhthe, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥5

Papandhakara Arka Paramparabhyam, Thapathryaheendra Khageswarabhyam ।
Jadyabdhi Samsoshana Vadawabhyam Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥6

Shamadhi Shatka Pradha Vaibhavabhyam, Samadhi Dhana Vratha Deeksithabhyam ।
Ramadhavangri Sthira Bhakthidabhyam, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥7

Swarchaparana Makhileshtathabhyam, Swaha Sahayaksha Durndarabhyam ।
Swanthacha Bhava Pradha Poojanabhyam, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥8

Kaamadhi Sarpa Vraja Garudabhyam, Viveka Vairagya Nidhi Pradhabhyam ।
Bhodha Pradhabhyam Drutha Mokshathabhyam, Namo Nama Sri Guru Padukabhyam ॥9

Conclusion

गुरु पादुका स्तोत्रम् गुरु के चरण पादुकाओं की पवित्रता और महत्व को उजागर करता है। इस स्तोत्र का पाठ गुरु के प्रति आदर और भक्ति की अभिव्यक्ति है, जो जीवन में ज्ञान और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। गुरु पादुका की पूजा और उनकी स्तुति करने से भक्त को आध्यात्मिक उत्थान और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

गुरु पादुका स्तोत्रम् का नियमित पाठ न केवल गुरु की कृपा को आकर्षित करता है बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास भी प्रदान करता है। यह हमें सिखाता है कि गुरु के चरणों में श्रद्धा और समर्पण के साथ जीना कितना महत्वपूर्ण है और उनके मार्गदर्शन के बिना आध्यात्मिक यात्रा अधूरी रहती है।

इस स्तोत्र के माध्यम से हम अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और संतुलित बना सकते हैं, गुरु के आशीर्वाद से हर क्षेत्र में सफलता और शांति प्राप्त कर सकते हैं। गुरु पादुका स्तोत्रम् को अपनी दैनिक साधना का हिस्सा बनाएं और गुरु की दिव्य कृपा का अनुभव करें।

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