काल भैरव अष्टक काल भैरव की प्रशंसा और आराधना के लिए एक प्रमुख श्लोकसंग्रह है। यह अष्टक उस उच्च देवता की महिमा का गान करता है जिन्होंने समय को प्रभावित करने वाली शक्ति को प्रतिष्ठित किया है। इस अष्टक में काल भैरव की प्रत्येक स्तोत्र उनकी अद्वितीय गुणों और महत्त्व को वर्णित करता है।
काल भैरव एक प्रमुख देवता हैं जिनकी पूजा विभिन्न हिन्दू धर्म के अनुयायियों द्वारा की जाती है। वे समय और संचार के देवता माने जाते हैं और उन्हें सर्वशक्तिमान का रूप माना जाता है। इस अष्टक में काल भैरव की भक्ति का उदाहरण दिया गया है और इसे सुनने या पढ़ने से भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।
काल भैरव अष्टक
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ १॥
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ २॥
शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ३॥
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ ४॥
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम् ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ५॥
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ६॥
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं दृष्टिपात्तनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ७॥
भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ८॥
॥ फल श्रुति॥
कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम् ।
शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिं नरा ध्रुवम् ॥
॥इति कालभैरवाष्टकम् संपूर्णम् ॥
समाप्ति:
काल भैरव अष्टक एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है जो समय और संचार के देवता काल भैरव की प्रशंसा करता है। इस अष्टक के माध्यम से भक्त उनकी आराधना करते हैं और उनसे अनुग्रह और कृपा की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।
यह अष्टक ध्यान, शांति और समृद्धि का स्रोत है और भक्तों को उनके जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। इसके माध्यम से भक्त अपने जीवन में समय का सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं और समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।